आपने बहुत जगह सुना होगा कि इस व्यक्ति ने इतना इनकम टैक्स दिया। लेकिन आपको यह पता नहीं है कि इनकम टैक्स क्या होता है। तो आज हम आपको बताएंगे की इनकम टैक्स क्या होता है और इनकम टैक्स रिलेटेड सामान्य बातों के बारे में विचार करेंगे।
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Income tax क्या है।
आयकर से आशय ऐसे टैक्स है जो करदाता की वर्ष भर में की गई कर योग्य इनकम पर आधारित दरों पर केंद्रीय सरकार द्वारा कर वसूला जाता है उस कर को ही आयकर कहते हैं।
करदाता में व्यक्ति, फॉर्म, कंपनी, हिंदू अविभाजित परिवार, व्यक्तियों के समुदाय, ट्रस्ट आदि सब करदाता की गिनती में आते हैं।

कर योग्य आय क्या होती है
अब कर योग्य आय का मतलब इनकम टैक्स नियमों के अंतर्गत गणना की गई आय से है। उदाहरण के लिए एक व्यक्ति द्वारा साल भर में 1291000 कर योग्य आय कमाई जाती है। अब कर योग्य सीमा ₹250000 है, तो उस व्यक्ति को बाकी ₹1091000 पर निर्धारण कर दर से कर देना होगा ।
यह आयकर दर सभी के लिए सामान्य नहीं है व्यक्ति हिंदू अविभाजित परिवार कंपनी फॉर्म इन सब के लिए इनकम टैक्स नियम अलग-अलग है।
साइलेंट फीचर ऑफ इनकम टैक्स
आयकर केंद्रीय सरकार द्वारा वसूला जाता है इसमें राज्य सरकार का कोई रोल नहीं होता। कंपनियों की आय पर लगने वाला कर को निगम कर कहते हैं।
आयकर एक प्रत्यक्ष कर है मतलब आपकी आय पर डायरेक्ट कर लगता है इस कारण इसे डिलीट कर भी कहा जाता है।
अगर आपके द्वारा कर दिया जाता है। तो उस कर पर 4 पर्सेंट शिक्षा व स्वास्थ्य कर भी वसूला जाता है। यह कर आय पर काटे गए कर पर ही लगता है।
आयकर का भार अधिकतर अमीर वर्ग व मध्यमवर्ग पर पड़ता है। यह कर मध्यमवर्ग पर 5-20 पर्सेंट का लगता है । जबकि अमीर वर्ग पर 5% से 30% तक का लगता है। और सामान्य वर्ग पर किसी भी प्रकार का कर नहीं लगता।
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किस पर कितना का लगता है।
जैसा कि हमने आपको ऊपर भी बता था कि सब पर लड़ने वाला इनकम टैक्स अलग अलग होता है तो थोड़ा संक्षिप्त रूप में इनके बारे में जानते हैं।
1. व्यक्ति व अविभाजित परिवार आयकर दर
60 वर्ष तक के व्यक्ति पर
प्रथम 250000 रुपे तक शून्य कर लगता है।
अगले ₹250000 पर 5 पर्सेंट कर लगता है।
अगले ₹500000 पर 20 परसेंट कर लगता है।
10 लाख के ऊपर से इनकम पर 30 % कर लगता है।
60 वर्ष से 80 वर्ष तक
प्रथम 300,000 रुपे तक शून्य कर लगता है।
अगले ₹200000 पर 5 पर्सेंट कर लगता है।
अगले ₹500000 पर 20 परसेंट कर लगता है।
10 लाख के ऊपर से इनकम पर 30 % कर लगता है।
80 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति पर
प्रथम 500,000 रुपे तक शून्य कर लगता है।
अगले ₹500000 पर 20 परसेंट कर लगता है।
10 लाख के ऊपर से इनकम पर 30 % कर लगता है।
2. साझेदारी फर्म पर कर दर
साझेदारी फर्म की संपूर्ण आय कर योग्य आय होती है। इसलिए इस आय पर करदर 30 परसेंट लगता है। दीर्घकालीन पूंजी पर लाभ कमाने पर यह कर 40 पर्सेंट लगता है।
अगर फॉर्म की इनकम एक करोड़ से ऊपर हो तो 12 पर्सेंट सर चार्ज कर लगता है।
और इसके अलावा स्वास्थ्य में शिक्षा का 4 परसेंट बीफार्म के लिए देय होता है। यह दोनों कर काटे गए कर पर लगते है।
3. कंपनी पर कर दर
अगर कंपनी के बिजनेस द्वारा 250 करोड़ रुपए तक इनकम कमाई जा रही है। तो उस इनकम पर 25 परसेंट कर देना होता है अगर कंपनी की इनकम टैक्स 250 करोड़ पार कर जाती है। तो 30 परसेंट कर देय होता है।
विदेशी कंपनियों पर 40 परसेंट इनकम टैक्स वसूला जाता है।
इस पर भी सर चार्ज कार्य काटा जाता है अगर कंपनी की आय एक करोड़ से 10 करोड़ तक है तो 7 परसेंट और 10 करोड़ से अधिक है तो 12 पर्सेंट सरचार्ज काटा जाता है
इस पर भी स्वास्थ्य शिक्षा का कर दायित्व होता है जोकि 4 पर्सेंट है।