राजस्थान की लोक देवियां – Rajasthan ki LOK Deviya rajasthan gk

Rajasthan ki LOK  Deviya Naam ( राजस्थान की लोक देवियां )


आज हमने इस लेख में  Rajasthan ki LOK  Deviya Naam ( राजस्थान की लोक देवियां ) के बारे में पुरी जानकारी दी है. अक्सर आप गूगल पर खोजते रहते हो की राजस्थान की लोक देवियां की जानकारी पीडीऍफ़ फाइल में कैसे डाउनलोड करे। तो आज हमने इस लेख में Rajasthan ki lok deviya की पूरी जानकारी दी गई है। हमारी वेबसाइट में राजस्थान जीके बताया जाता है। 

विषय सूचि
  • ब्राह्मणी माता 
  • शीतला माता
  • शाकम्भरी माता
  • राणी सती माता
  • तनोटिया माता
  • स्वागिया माता
  • सच्चिया माता
  • जीण माता
  • शीला माता
  • करणी माता
  • आई माता।
  • सच्चिया माता


राजस्थान की लोक देवियां Rajasthan ki Kul Deviya Naam 

ब्राह्मणी माता

यह ब्राह्मणी माता का मन्दिर राजस्थान के बारा मै स्थित है। विश्व का एकमात्र मंदिर है जिसमें माता जी की पीठ की पूजा होती है

शीतला माता

शीतला माता का मंदिर जयपुर जिले में स्थित है। इस माता को चेचक माता, बच्चों की पालनहार, सेढल माता के नाम से भी जाना जाता है। सेढल माता कि संवारी वाहन गधा होता है। मंदिर का निर्माण कार्य माधोसिंह द्वितीय ने करवाया था। शीतला अष्टमी के दिन माता की पूजा की जाती है
शीतला अष्टमी के दिन ही घुडला पर्व मनाया जाता है।

शाकम्भरी माता

शाकम्भरी माता का झुँझुनु में स्थित है।
खण्डेलवाल समाज की कुल देवी हैं।सब्जियों की रक्षक देवी है। चोहानों की भी कुल देवी है। एक मंदिर सांभर में है।

20+ Tricky Questions In Hindi | दिमाग घुमा देंगे ये सवाल 2021 

राणी सती माता

इनका मंदिर झुनझुनू में है।
इन्हें दादी जी के नाम से भी जानते हैं 
इनका वास्तविक नाम नारायणी बाई अग्रवाल है।

नारायणी माता

इनका मंदिर बरखा डूंगरी, अलवर जिले मे है। नाई समाज की कुल देवी मानी जाती हैं। मीणा समाज की भी अराध्य देवी  है।

तनोटिया माता

महाराजा केहर ने अपने पुत्र तणु के नाम से तन्नौर नगर बसाकर तनोटिया देवी की स्थापना करवाई।
तनोटिया माता का मंदिर जैसलमेर में है। सेना के जवानों की देवी इनको इस नाम से भी जाना जाता है।

स्वागिया माता

जैसलमेर में इनका मन्दिर है। भाटी वंश की कुल देवी है। स्वांग का अर्थ भला है। गजरूप सागर के किनारे मंदिर स्थित है।

सच्चिया माता

यह मंदिर औंसिया, जोधपुर में स्थित है। उपलदेव ने इसका निर्माण करवाया।
औसवाल समाज की कुल देवी है इस मंदिर का निर्माण प्रतिहार वंश के शासकों ने करवाया है।

जीण माता

रेवासा ग्राम, सीकर जिले में मंदिर है। चोहानों की कुलदेवी है। मंदिर का निर्माता हटड़ को माना जाता है।

आई माता।

इनका मंदिर बिलाडा, जोधपुर में है।
सिरवी समाज की कुल देवी है। इनके मंदिर थान कहलाते है।

करणी माता

देशनोक, बीकानेर जिले में करणी माता मंदिर है। चुहों वाली देवी के नाम से प्रसिद्ध है। राठौड़ वंश की कुल देवी है।
करणी माता के मंदिर का निर्माण कर्ण सिंह के द्वारा करवाया गया था। 
पुजारी – चारण समाज के लोग, चैत्र माह के नवरात्री के दौरान मेला भरता है

शीला माता

आमेर, जयपुर में शीला माता मंदिर हैं
इनका उपनाम अन्नपूर्णा देवी है।
इस माता के मंदिर का निर्माण। इनका प्रमुख मंदिर आमेर के किले में स्थित है।
इनकी मूर्ति बंगाल का शासक से छीन कर लाई गई थी। प्रसाद – ‘शराब’ ।
तो आज हमने इस पोस्ट में rajasthan ki LOK  Deviya Naam ( राजस्थान की लोक देवियां ) के बारे में जाना अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो पोस्ट को शेयर करना न भूले। राजस्थान सामान्य ज्ञान 

Leave a Comment