साझेदारी : अर्थ / परिभाषा, महत्व?, लाभ हानि, अनिवायर्तार Read this article in hindi to learn about :- 1. साझेदारी : अर्थ / परिभाषा (meaning of partnership) 2. साझेदारी का लाभ (advantages of partnership ) 3. साझेदारी की हानि ( disadvantages of partnership) 4. साझेदारी की आवश्कता ( Need of partnership)
Table of Contents
Class 12 Accountancy Chapter 2 Partnership Farm Concepts
साझेदारी का अर्थ / परिभाषा
दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर किसी व्यापार को करते हैं तो उसको साझेदारी कहते हैं। इस साझेदारी व्यापार को एक साझेदार के द्वारा भी चलाया जा सकता हैं और सभी साझेदारो के द्वारा भी आपसी सहमति पर। वे सभी जिन्होने एक दूसरे से साझेदारी कर ली हो वह व्यक्तिगत रूप से साझेदार कहलाते हैं। वह नाम जिससे व्यापार को चलाया जाता हैं उस को फर्म कहते हैं।
साझेदारी व्यक्तियो का एक ऐसा समूह है जो की अपनी व्यवसाय को चलाने के अपने वित्तीय साधनो तथा योग्यता को मिलाकर तथा एक निश्चित अनुपात मर लाभ हानि बाटने क लिए सहमत होते है।
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साझेदारी का लाभ ( advantages of partnership )
- साझेदारी व्यापार रिस्क कम होता हैं। साथ ही लिमिटेड लिएबिलिटीज़ होती है।
- इस व्यापार में एक से ज्यादा लोग से invesment money/ पूंजी अधिक होता है।
- जैसे की आप को पता ही है की अधिक पूंजी invesment करने से प्रॉफिट भी अधिक होता है साझेदारी व्यापार में।
- एक साथ व्यापार करने पर अलग अलग योगिता के लोगो का अनुभव् मिलकर व्यापार को जल्दी ही सफल बना देते है।
- निर्णय लेने के लिए कई सदस्य होते हैं, इसलिए व्यापार का प्रबन्ध अच्छी तरह से सम्भव होता हैं।
साझेदारी व्यापार की हानि ( dis advantages of partnership )
- ज्यादा लोग होने से एक दूसरे की बात नहीं मानना इससे कभी कभी व्यापार को अच्छा कासा नुकसान हो सकता है।
- किसी भी साझेदार की मौत होने पर साझेदारी का बंग होने के अधिक चांस हॉट है।
- अगर कोई व्यक्ति साझेदारी में परवेस करनाचाहता है तो उसकोबड़ी मात्रा में पूंजी आना अनिवार्य होता है।
- साझेदारी व्यापार करने के लिए दो या दो से अधिक व्यक्ति का होना अनिवार्य होता है।
- साझेदार साझेदारी व्यापार को छोड़ना चाहता हैं तो साझेदारो की अनुमति के बिना छोड़ नहीं सकता है।