आंतरिक अंकेक्षण क्या है इस टॉपिक के बारे में आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपके साथ कुछ नॉलेज सहर करेंगे उससे पहले आपको मैं बोलना चाहूंगा नमस्कार दोस्तो-
विषय सूची
- आन्तरिक अंकेक्षण क्या है internal audit kya hai
- आन्तरिक अंकेक्षण तथा अन्तरिम अंकेक्षण में अन्तर
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आन्तरिक अंकेक्षण क्या है internal audit kya hai
कुछ संस्थाओं का संगठन इस प्रकार होता है कि वे अन्य कर्मचारियों की भांति अपने यहां अंकेक्षकों को भी नियुक्त करती हैं। इसका कारण प्रायः यह होता है कि ऐसी संस्थाएं हिसाब -किताब की गड़बड़ी तथा छल-कपट को रोकने के लिए अंकेक्षक कर्मचारियों की आवश्यकता समझती हैं। ये अंकेक्षक स्थायी होते हैं और अन्य कर्मचारियों की भांति इनको वेतन मिलता है।
आन्तरिक अंकेक्षण करने वाले कर्मचारियों को सार्वजनिक अंकेक्षक नहीं कहते हैं। मामूली योग्यता वाले व्यक्ति जो उस संस्था के हिसाब -किताब से परिचित होते हैं, इस कार्य को कर सकते हैं। ये अपनी संस्था का ही अंकेक्षण करते हैं और कभी भी सार्वजनिक अंकेक्षक के रूप में कार्य नहीं कर सकते हैं। ये अपनी रिपोर्ट भी नहीं देते हैं।
संक्षेप में, एक संस्था के हिसाब-किताब की समय समय पर उसके वेतन प्राप्त कर्मचारियों (Internal Auditors) द्वारा की गयी जांच आन्तरिक अंकेक्षण का क्षेत्र कुछ भिन्न होता है। इसका प्रबन्धकीय कार्यों से अधिक सम्बन्ध है, इतना अधिक हिसाब-किताब के कार्यों से नहीं। जहां एक सामान्य अंकेक्षक का सम्बन्ध किसी व्यापार के लेने-देनों के सही, शुद्ध एवं वैधानिक होने से होगा, वहां आन्तरिक अंकेक्षक इन बातों के अतिरिक्त यह भी देखेगा कि संस्था में कुशलता एवं मितव्यता से कार्य हो रहा है या नहीं। आन्तरिक अंकेक्षण में कितनी जांच करनी होगी। यह सब व्यापारिक संस्था के आकार एवं स्वभाव पर निर्भर होगा।
इस प्रकार आन्तरिक अंकेक्षक एक प्रहरी का कार्य करता है। संस्था में उसकी उपस्थिति उसके कर्मचारियों पर नैतिक प्रभाव डालती है। स्वाभाविक है कि संस्था के कर्मचारी सावधानी तथा सतर्कता से कार्य करते हैं। संस्था का प्रहरी होने के नाते वह यह देख सकता है कि किस सीमा तक संस्था के नियमों का पालन या उल्लंघन किया जा रहा है। यही नहीं, वह संस्था के अधिकारियों को नियमों के सुधार करने के सम्बन्ध में सुझाव आदि देकर संस्था के कार्य में प्रगतिशीलता ला सकता है।
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आन्तरिक अंकेक्षण तथा अन्तरिम अंकेक्षण में अन्तर
- अन्तरिम अंकेक्षण वर्ष के बीच में किसी विशेष उद्देश्य के लिए कराया जाता है, जबकि आन्तरिक अंकेक्षण संस्था की कार्य-व्यवस्था का ही अंग मात्र है।
- अन्तरिम अंकेक्षण के लिए अंकेक्षक बाहर से आता है, लेकिन आन्तरिम अंकेक्षक (Internal Auditor) संस्था का ही कर्मचारी होता है।
- अन्तरिम अंकेक्षण में प्रायः सम्पूर्ण खातों को पूर्णतया बन्द कर देने के पश्चात् जांच की जाती है क्योंकि इसका विशेष उद्देश्य होता है।आन्तरिक अंकेक्षण हिसाब किताब लिखने के साथ ही चलता रहता है।
- अन्तरिम अंकेक्षण में अंकेक्षक का कार्य एक निश्चित तारीख तक चलने के पश्चात् पूरा हो जाता है लेकिन आन्तरिक अंकेक्षण संस्था के जीवन काल में निरन्तर चालू रहता है।
- अन्तरिम अंकेक्षण में अंकेक्षक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। आन्तरिक अंकेक्षण में रिपोर्ट देने का प्रश्न ही नहीं उठता।
- अन्तरिम अंकेक्षण संस्था की आवश्यकता पर आधारित होता है अर्थात् जब आवश्यकता होगी तभी अंकेक्षण कराया जायेगा, आन्तरिक अंकेक्षण एक संस्था के संगठन एवं व्यवस्था पर आधारित होता है।
क्या सिखा
इस article मे आज हमने आन्तरिक अंकेक्षण क्या होता है और आन्तरिक अंकेक्षण तथा अन्तरिम अंकेक्षण में अन्तर , यह दोनों विषय जाने ।