कुमावत समाज का सम्पूर्ण इतिहास ।
कुमावत जाती एक बहुत ही प्रसिद्ध समाज है। तो आज हम बात करेंगे कुमावत समाज के बारे में । तो दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कुमावत समाज किन मुश्किलों से घिरा हुआ था। और कुमावत समाज का इतिहास क्या है तो मेरा नाम है। नतीश कुमावत। तो खोदते कुमावत समाज के इतिहास को।
कुमावत (कुंबाबत) इतिहास न केवल गौरवशाली है अपितु शौर्य गाथाओं से भरा पड़ा है जिसका उल्लेख श्री हनुमानदान ‘चंडीसा’ ने अपनी पुस्तक “मारू कुंबार” में किया है। श्री चंडीसा का परिचय उस समाज से है जो राजपूत एवं कुमावत समाज की वंशावली लिखने का कार्य करते रहे हैं
कुमावत समाज के गौरवशाली इतिहास का वर्णन करते हुए श्री चंडीसा ने लिखा है कि जैसलमेर के महान् संत श्री गरवा जी जोकि एक भाटी राजपूत थे, ने जैसलमेर के राजा रावल केहर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जो सैनिक युद्ध से वापस नहीं लौटेते नहीं थे। उनकी महिलाओं के लिए विक्रम संवत् 1316 वैशाख सुदी 9 को राजपूत जाति में विधवा विवाह (नाता व्यवस्था) प्रचलित करके एक नई जाति बनायी।
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जिसमें 9 (नौ) राजपूती गोत्रं के 62 राजपूत (अलग-अलग भागों से आये हुए) शामिल हुए। इसी आधार पर इस जाति की गौत्रं बनी जिसका वर्णन आगे किया गया है। विधवा विवाह चूंकि उस समय राजपूत समाज में प्रचलित नहीं था इसलिए श्री गरवा जी महाराज ने विधवा लड़कियों का विवाह करके उन्हें एक नया सधवा जीवन दिया जिनके पति युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
श्री गरवा जी के नेतृत्व में सम्पन्न हुए इस कार्य के उपरांत बैठक ने जाति के नामकरण के लिए शुभ मुहूर्त हेतु गांव से बाहर प्रस्थान किया गया। इस समुदाय को गांव से बाहर सर्वप्रथम एक बावत कॅवर नाम की एक भाटी राजपूत कन्या पानी का मटका लाते हुए दिखी। जिसे सभी ने एक शुभ शुगन माना।
इसी आधार पर श्री गरवाजी ने जाति के दो नाम सुझाए-1. संस्कृत में मटके को कुंभ तथा लाने वाली कन्या का नाम बावत को जोड़कर नाम रखा गया कुंबाबत (कुम्भ+बाबत)।
इस जाति का दूसरा नाम मारू कुंबार भी दिया गया, राजस्थानी में मारू का अर्थ होता है राजपूत तथा कुंभ गाँव के बाहर मिला था इसलिए कुंभ+बाहर 34 कुंबार। इस लिए इस जाति के दो नाम प्रचलित है कुंबाबत राजपूत (कुमावत क्षत्रिय) व मारू कुंबार।
जब कुछ सालों बाद राजस्थान में अकाल पड़ा तो यह कुमावत लोग महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, की ओर चल पड़े। और यह कुमावत जाति के लोग आपको हर राज्य में मिल जाएंगे। और जहां तक बात है बाहर जाने की तो यह दुबई में ज्यादा जाते हैं । कुमावत जाति के लोग हर काम कर सकते हैं ऐसा नहीं है कि वह एक ही काम में स्पेशल लाइंस है वह हर काम कर सकते हैं।
अगर आपकी कुमावत समाज इतिहास के प्रति कोई राय कुछ अलग है तो आप नीचे दिए गए कमेंट में हमारे साथ जानकारी साझा कर सकते हैं ।
Bahut hi usefull information provide krwane ke liye thanks
आपने कहा कि कुमावत राजपूत हैं तो आप लोग कहते है कि हम जैसलमेर से है जो भाटी राजपूतो से है पर जिस तरह जैसलमेर के राजा जो भाटी है उनके पास अपनी वंशावली तो होगी और उनके पास इतिहास भी हॉगा तो आप लोग वहां के राजसी परिवार से कुछ उन्ही के हाथों लिखे ऐसे दस्तावेज ला कर ओर ऐसे पुख्ता सबूत दे जिससे आप लोगो को राजपूत समाज से भी ऐसे दस्तावेज ला कर दिखाए ओर उन्ही के समाज के बड़े नेता खुद खड़े हो कर कहे कि कुमावत जाट हमारे ही भाई है और हम कुमावतों को राजपूत का दर्जा देते है अगर इतना कर सकते हो तो करो नही तो यही लोग आपकी ओर पूरे कुमावत समाज की हंसी उड़ाएगी इसलिए कहता हूं कि कहि राजपूत बनने के चक्कर मे पूरे समाज को हंसी का पात्र मत बना देना अब देख लो वैसे भी राजपूत समाज हमेसा कुछ भी बात होने पर कहते है कि हमारा इतिहास चोरी कर लिया
kumawat love vanshi hai our rajpoot kush vanshi hai apko love aur kush me farak pata chal jayega tabhi ap rajpoot aur kumawat me farak samaj ajayega dono ko ek karne ki awashakta nahi hai dono hi shatriya hai par dono ke vansh alag hai kumawat jati ka pata karna hai to love vansh ka pata kare naki kush(rajpoot) ka sabhi rajpoot kush vanshajh hai aur in rajpooto ne 800 A D ke bad raj kiya hai bharat me jabki 800 A D se pahele sare love vansh wale log hi raj karte the .
ram ke luv vanshi hi kumawat hai aur amber ke kile me only kush vansh ke bare me jankari hai luv vansh ke bare me nahi.sabhi kush vanshi rajput hai . luv vanshi rajput nahi hai. apku ye pata nahi hoga ki mata sita ke garb se ek hi putra ki utpatti hui thi apku kumawat ke bare me jankari chaiye hai toh luv ki vanshavali khoje jise apku iske tathya prapt ho jayenge idhar udhar bhatkne ki jarurat nahi hai
Hum Sab Ek Hai or rhi itihas ki bat to vo itihas par chod do aaj koi kisi se kam nhi ab naya itihas hum banayenge
Ab apne caste system ko khtam kro phli baat or dusri baat ye rajpoot samaj se Jodne k chakkar me tum apne hi samaj ka majak bna rhe ho … Sudhar jao …
कोई कुमावत समाज का व्यक्ति मुझे ये बता सकता है की कुमावत समाज के बारे मे कोई किताब हो या कहा से जानकारी मिलेगी
Are Sab chhodo kiya kumar kiya rajput ek bat yaad rakho ki hume sab hindu hai or ye bat humare liye gourv ki bat hai